बडे़ – बूढ़े कह गये हैं,, गलतियों से कुछ सीख लेनी चाहिए, लेकिन मैंने क्या किया, गलतियों पर गलतियां करता गया, ओर आज मेरे पास क्या है सिवाय पछताने के,, इस लिए मैं अपनी उन गलतियों को आप सब के सामने रख रहा हूँ,, ताकि आप उन गलतियों को न दोहरायें – – – –
“ऐ खुदा रहम कर,,
यूँ न मुझ पर सितम कर,,
मोहलत दे लौटने की,,
संभलने की,,
या फिर छीन ले,,
मुझसे मेरी रूह,,
आधी मौत तो रोज मिलती है,,
मुझे नींद से,,
पूरी नींद दे मुझे मौत का तोहफा देकर
बेशक याद है मुझे मेरी हर एक गलती
” पहली मुहब्बत कर ली,
दूसरी उनसे कर ली,
तीसरी बेपनाह कर ली