हाँ आती है आज भी तेरी याद
फिर भी में सोता हूँ
उठता हूँ
चलता हूँ
शायद होगी एक मुलाकात
फिर याद करूँगा वो हर एक बात
तू ही बसा है दिल में
तू ही बसा है रूह में
हाँ आती है तेरी याद
तू तो मुझे भूलकर
मुस्कुराना सीख जायेगा
पर मेरी आंखों में सदा आंसू ही पायेगा
पर तू दुखी न रहना
रहूँगा तेरे साथ
तेरी हर एक तकलीफ में मरहम बनकर
हां आती है आज भी तेरी याद
ओर हां जायेगी तेरी याद
जब मौत का दामन खुला होगा मेरे पास